दिल्ली हाईकोर्ट में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करना चाहिए। जज ने कहा कि आपके जाने से लोगों में विश्वास बढ़ेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करना चाहिए। जज ने कहा कि आपके जाने से लोगों में विश्वास बढ़ेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि हम देश में दूसरा 1984 नहीं होने दे सकते हैं। इस मामले पर जस्टिस मुरलीधर सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से दिल्ली पुलिस कमिश्नर को विवादित बयान देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर करने की सलाह देने के लिए भी कहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि बाहर के हालात बहुत ही खराब हैं। इसके अलावा, दिल्ली हिंसा मामले पर हाईकोर्ट में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का बयान भी सुनाया गया। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल, डीसीपी देव और सभी वकील मौजूद रहे। हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) से कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है? बाद में उस क्लिप को अदालत कक्ष में चलाया गया। वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे पुलिस आयुक्त से भाजपा के नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहें। " alt="" aria-hidden="true" />


Popular posts
एनएच-9 पर मंगलवार रात करीब 9 बजे सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ दिखी। ये लोग घरों तक पहुंचने के लिए किसी सवारी के इंतजार में थे। कभी कोई ट्रक उनके पास आकर रुकता तो सैकड़ों की भीड़ एक साथ उस ओर भागती। जिसे उस ट्रक में जानवरों की तरह लदने का मौका मिल गया, वह खुद को खुशकिस्मत महसूस करता है। जिन्हें ट्रक में जगह नहीं मिली, उन्होंने पैदल ही हापुड़ की ओर कदम बढ़ा दिए। कई किलोमीटर तक हाइवे पर केवल लोगों की ही भीड़ देखने को मिल रही है। इन लोगों का कहना है कि रात के वक्त पुलिस का पहरा कम होता है, इसलिए वे पूरे परिवार के साथ घर के लिए निकले हैं।
पूरे देश में लॉकडाउन के बाद कामकाजी गरीब तबके ने दिल्ली छोड़ना शुरू कर दिया है। सिर पर गठरी रखकर बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं और पुरुष रात के अंधेरे में पैदल ही दिल्ली बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे हैं। किसी तरह नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही इनमें खुशी दिखती है। इनमें से कुछ रुककर किसी सवारी का इंतजार करते हैं, जबकि बाकी पैदल ही आगे बढ़ जाते हैं।
कोरोना वायरस के खौफ के बीच रात के अंधेरे में हाईवे पर इन दिनों गाड़ियों की भीड़ के बजाय सैकड़ों पैदल लोगों को भीड़ दिख रही है। पूछने पर इनका कहना है कि जब उनके पास कोई कामकाज ही नहीं है तो दिल्ली में रुकने का कोई मतलब नहीं बनता। बॉर्डर पर पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए ये लोग रेलवे पटरियों का भी सहारा ले रहे हैं। उनका कहना है कि किसी तरह वह अपने गांव पहुंच जाएं, जिसके बाद दोबारा नए जीवन की शुरुआत का प्रयास करेंगे।
तीन अरब डॉलर का रक्षा समझौता करेगा अमेरिका
Image
पुलिस कमीश्नर को दें विवादित बयान देने वाले भाजपा नेताओं पर एफआईआर की सलाह: हाईकोर्ट
Image