पूरे देश में लॉकडाउन के बाद कामकाजी गरीब तबके ने दिल्ली छोड़ना शुरू कर दिया है। सिर पर गठरी रखकर बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं और पुरुष रात के अंधेरे में पैदल ही दिल्ली बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे हैं। किसी तरह नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही इनमें खुशी दिखती है। इनमें से कुछ रुककर किसी सवारी का इंतजार करते हैं, जबकि बाकी पैदल ही आगे बढ़ जाते हैं।

पूरे देश में लॉकडाउन के बाद कामकाजी गरीब तबके ने दिल्ली छोड़ना शुरू कर दिया है। सिर पर गठरी रखकर बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं और पुरुष रात के अंधेरे में पैदल ही दिल्ली बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे हैं। किसी तरह नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही इनमें खुशी दिखती है। इनमें से कुछ रुककर किसी सवारी का इंतजार करते हैं, जबकि बाकी पैदल ही आगे बढ़ जाते हैं।


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एनएच-9 पर मंगलवार रात करीब 9 बजे सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ दिखी। ये लोग घरों तक पहुंचने के लिए किसी सवारी के इंतजार में थे। कभी कोई ट्रक उनके पास आकर रुकता तो सैकड़ों की भीड़ एक साथ उस ओर भागती। जिसे उस ट्रक में जानवरों की तरह लदने का मौका मिल गया, वह खुद को खुशकिस्मत महसूस करता है। जिन्हें ट्रक में जगह नहीं मिली, उन्होंने पैदल ही हापुड़ की ओर कदम बढ़ा दिए। कई किलोमीटर तक हाइवे पर केवल लोगों की ही भीड़ देखने को मिल रही है। इन लोगों का कहना है कि रात के वक्त पुलिस का पहरा कम होता है, इसलिए वे पूरे परिवार के साथ घर के लिए निकले हैं।
عدالت میں کام کرنے والے منشیوں کی ہوئی تربیت ، صحیح طریقے سے کام کرنے کی ہدایت
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दिल्ली हाईकोर्ट में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करना चाहिए। जज ने कहा कि आपके जाने से लोगों में विश्वास बढ़ेगा।
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रोज अंधेरे में पलायन कर रहे सैकड़ों लोग, रात में छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर पैदल जाती दिख रहीं महिलाएं