पूरे देश में लॉकडाउन के बाद कामकाजी गरीब तबके ने दिल्ली छोड़ना शुरू कर दिया है। सिर पर गठरी रखकर बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं और पुरुष रात के अंधेरे में पैदल ही दिल्ली बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे हैं। किसी तरह नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही इनमें खुशी दिखती है। इनमें से कुछ रुककर किसी सवारी का इंतजार करते हैं, जबकि बाकी पैदल ही आगे बढ़ जाते हैं।

पूरे देश में लॉकडाउन के बाद कामकाजी गरीब तबके ने दिल्ली छोड़ना शुरू कर दिया है। सिर पर गठरी रखकर बच्चों को गोद में लेकर महिलाएं और पुरुष रात के अंधेरे में पैदल ही दिल्ली बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे हैं। किसी तरह नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही इनमें खुशी दिखती है। इनमें से कुछ रुककर किसी सवारी का इंतजार करते हैं, जबकि बाकी पैदल ही आगे बढ़ जाते हैं।


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कोरोना वायरस के खौफ के बीच रात के अंधेरे में हाईवे पर इन दिनों गाड़ियों की भीड़ के बजाय सैकड़ों पैदल लोगों को भीड़ दिख रही है। पूछने पर इनका कहना है कि जब उनके पास कोई कामकाज ही नहीं है तो दिल्ली में रुकने का कोई मतलब नहीं बनता। बॉर्डर पर पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए ये लोग रेलवे पटरियों का भी सहारा ले रहे हैं। उनका कहना है कि किसी तरह वह अपने गांव पहुंच जाएं, जिसके बाद दोबारा नए जीवन की शुरुआत का प्रयास करेंगे।
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